सुप्रीम कोर्ट क्या है? सरल शब्दों में समझें
सुप्रीम कोर्ट भारत का सबसे ऊँचा न्यायालय है। यहाँ पर देश के सभी महत्वपूर्ण कानूनी मुद्दे तय होते हैं। अगर किसी हाई कोर्ट या ट्राइब्यूनल का फैसला गलत लगता है, तो आप यहाँ अपील कर सकते हैं। इसलिए हर प्रतियोगी परीक्षा में इसको समझना ज़रूरी है।
सुप्रीम कोर्ट का इतिहास और संरचना
1950 में संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत सुप्रीम कोर्ट की स्थापना हुई। पहली बार इसका भवन नई दिल्ली में बना था, लेकिन 1999 में नया कोर्ट हाउस तैयार हुआ। कुल 34 न्यायाधीश होते हैं, जिनमें से एक मुख्य न्यायाधीश होते हैं। न्यायाधीशों को राष्ट्रपति नियुक्त करते हैं लेकिन उनका चयन काउंसिल ऑफ़ जजेज़ करती है।
कोर्ट का काम तीन भागों में बाँटा जाता है: मुक़ादमे की सुनवाई, फैसला लिखना, और अदालत का प्रशासन। हर न्यायाधीश को केस की समझ, लिखित आदेश और मौखिक बहस में भाग लेना पड़ता है।
सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख फैसले
भारत के इतिहास में कई अहम फैसले सुप्रीम कोर्ट ने दिये हैं। 1973 का "भगत सिंह केस" से लेकर 2018 का "जैविक विविधता संरक्षण" केस तक, ये फैसले समाज को बदलते रहे हैं। कुछ लोकप्रिय निर्णयों में "मनु रोगी बनाम सरकार" (वाचिक अधिकार), "ऑटोकम्प्लीटेड लॉटरी स्किम" (भ्रष्टाचार) और "आरोग्य सुविधाएँ" (सार्वजनिक स्वास्थ्य) शामिल हैं। इन फैसलों को याद रखना परीक्षा में मददगार रहेगा।
यदि आप इस टैग पेज पर आए हैं, तो संभव है कि आप यह जानना चाहते हों कि किन सवालों के पैटर्न में ये फैसले पूछे जाते हैं। आमतौर पर प्रश्न मौलिक सिद्धांत, न्यायिक समीक्षा और सामाजिक प्रभाव के आसपास होते हैं।
सुप्रीम कोर्ट की प्रक्रिया – क्या पूछना चाहिए?
कोई केस सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचने के लिए पहले हाई कोर्ट में जाना पड़ता है। फिर लिटिगेंट (वकील) को लिखित याचिका, नोटिस और समर्थन दस्तावेज़ तैयार करने होते हैं। कोर्ट में सुनवाई दो प्रकार की होती है: लिखित (राइटेड) और मौखिक (ऑरल). मौखिक सुनवाई में वकील को कोर्ट में अपने तर्क प्रस्तुत करने होते हैं, और न्यायाधीश प्रश्न पूछते हैं।
परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाने वाले बिंदु होते हैं – केस का नाम, मुख्य मुद्दा, कोर्ट का फैसला और उसका सामाजिक प्रभाव। इन को याद रखने के लिए संक्षिप्त नोट बनाकर नियमित रिवीजन करें।
अब अगर आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो कुछ आसान टिप्स अपनाएँ:
- प्रमुख केस को एक टैब में रखें, जैसे "कुमारी बनाम राज्य" – यह याद रखने में आसान बनाता है।
- फैसले को दो भागों में बाँटें – क्या फैसला हुआ और क्यों?
- भाषा सरल रखें, जटिल शब्दों से बचें।
- हर सप्ताह एक नया केस पढ़ें और पिछले केस दोहराएँ।
इन छोटे-छोटे कदमों से आप सुप्रीम कोर्ट के बारे में गहराई से समझ पाएँगे और परीक्षा में भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे। आगे भी नई अपडेट और केस एनालिसिस के लिए इस टैग पेज को फॉलो करते रहें।