भारतीय रिंगनेक तोता: आसान समझ और देखभाल के टिप्स
क्या आपने कभी छोटे‑छोटे हरे‑पीले पंखों वाला, गर्दन पर चमकीला लाल‑नीला रिंग देखी है? वही है भारतीय रिंगनेक तोता, जिसे अक्सर रिंगनेक पिग्माई कहा जाता है। घर में पालतू बनाना चाहते हैं या सिर्फ़ इस चहचहाते पक्षी के बारे में जानना चाहते हैं, तो बात नीचे पढ़िए।
रिंगनेक तोते की पहचान और प्राकृतिक आवास
रिंगनेक तोते का शरीर लगभग 30 सेमी लंबा होता है। उसके सिर और गर्दन पर एक उज्ज्वल लाल‑नीला रिंग रहता है – यही इसका नाम बनाता है। रंगीन पंख, नुकीला चोंच और तेज़ छांटने वाली आवाज़ उसकी विशेषताएँ हैं। मूल रूप से यह पक्षी भारत के जंगलों, कृषि क्षेत्रों और शहरों के पेड़ों में रहता है। गर्मी में झाड़ी‑झुर्री में फले‑फूले, बरसात में नदियों के किनारे छिपे।
खानपान: क्या खिलाएँ और क्या नहीं?
रिंगनेक तोते को ताज़ा फल, सब्ज़ी और बीज पसंद हैं। सेब, संतरा, अंगूर, गाजर और शिमला मिर्च उनके लिए विटामिन‑संपन्न स्नैक हैं। बाज़ार में मिलने वाले मिक्स्ड बीज (सूरजमुखी, तिल, अलसी) भी अच्छा प्रोटीन देते हैं। ध्यान रखें कि अवोकैडो, चॉकलेट, कैफ़ीन या नमक भरे स्नैक कभी ना दें – ये उनके पाचन को बिगाड़ सकते हैं। पानी हमेशा साफ़ रखें, रोज़ बदलें।
अगर आप पालतू के रूप में रख रहे हैं, तो एक छोटे पिंजरे में रोज़ एक घंटे टहलना या खेलना ज़रूरी है। इससे उनका शरीर फिट रहता है और मन भी खुश रहता है। पिंजरे में लकड़ी की डंडी, सुई‑क्लाइम्बर और ऑर्नामेंट रखें – ताकि वह चढ़‑चढ़ कर जरुरत से ज्यादा ऊर्जा खर्च कर सके।
प्रजनन और पिंजरा सेट‑अप
रिंगनेक तोता साल के अधिकांश महीनों में अंडे देता है, पर विशेष रूप से बरसात के बाद का मौसम सबसे अच्छा रहता है। एक मादा तोता हर 5‑6 हफ्ते एक अंडा देती है, और आमतौर पर 4‑5 अंडे होते हैं। अंडे के बाद 18‑20 दिन तक माँ तोते को पालतू के अंदर incubation (अंडे के ऊपर बैठकर गरम रखना) करना पड़ता है।
पिंजरा चुनते समय कम से कम 60 सेमी × 60 सेमी × 80 सेमी का आकार रखें। अंदर नींबू या नींव में घास रखिए, ताकि उसके पैर को आराम मिले। तोते को हमेशा धूप और हवादार जगह बनाकर रखें, पर तेज़ धूप से बचाएँ।
स्वास्थ्य‑सुरक्षा: सामान्य समस्याएँ और उनका समाधान
रिंगनेक तोते को अक्सर पॉल्लीटिक रोग (बीज के दरिये में फंगल इन्फेक्शन) या पाउंड‑प्लेम्बी (पंखों में बफ़ाइल) का सामना करना पड़ता है। अगर पंख झड़ रहे हों या आवाज़ में बदलाव दिखे, तो तुरंत वेटरनरियन से मिलें। विटामिन‑सप्लेंट (व्यिटामिन B‑कॉम्प्लेक्स) और कैल्शियम पाउडर देना बीमारी रोक सकता है।
सफ़ाई भी ज़रूरी है – पिंजरे को हफ़़्त में दो बार साफ़ करें, बीज के टुकड़े और गंदगी हटाएँ। इससे बैक्टीरिया और फ़ंगस कम होते हैं। तनाव से बचने के लिए चिड़िया को दिन में कम से कम दो‑तीन घंटे बाहर उड़ने का मौका दें।
रोचक तथ्य और मज़ेदार बातें
रिंगनेक तोते अपनी आवाज़ से बहुत ही चतुर होते हैं – वे अपने मालिक की आवाज़ की नकल कर सकते हैं, “हैलो” या “कैसे हो?” जैसी बातें दोहरा सकते हैं। कुछ तोड़े में तो ये गाने की धुन भी सीख जाते हैं। उनका जीवनकाल 20‑30 साल तक भी हो सकता है अगर सही देखभाल मिले।
प्राकृतिक रूप से यह पक्षी समूह में रहना पसंद करता है, इसलिए यदि आपके पास दो‑तीन तोते हों तो वे अधिक सामाजिक और खुश रहते हैं। कई बार तोते को अकेला छोड़ने पर उलझन या आत्म‑क्लह हो जाता है, जिससे पैर में चोट या पालेवली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
तो, अगर आप भारतीय रिंगनेक तोते को अपने घर में लाने का सोच रहे हैं, तो बेहतर होगा कि ऊपर बताए गए पोषण, टाँग‑टाँग, स्वास्थ्य देखभाल और सामाजिक ज़रूरतों को पूरी तरह समझें। सही देखभाल से आपका तोता सालों तक आपके साथ खुश‑खुश जीवन बिता सकता है।