PM Modi ने 21वीं किसान सम्मान निधि किस्त जारी की: 9 करोड़ किसानों को ₹18,000 करोड़, बिहार में 76 लाख लाभार्थी

PM Modi ने 21वीं किसान सम्मान निधि किस्त जारी की: 9 करोड़ किसानों को ₹18,000 करोड़, बिहार में 76 लाख लाभार्थी

नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर, 2025 को तमिलनाडु के कोयंबटूर से 21वीं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) किस्त जारी की, जिसमें देशभर के लगभग 9 करोड़ किसान परिवारों को ₹18,000 करोड़ की राशि सीधे उनके आधार-लिंक्ड बैंक खातों में ट्रांसफर की गई। इसमें बिहार से अकेले 76 लाख लाभार्थी शामिल हैं, जैसा कि द टाइम्स ऑफ इंडिया के पटना संस्करण ने बताया। यह वित्तीय सहायता, जो 24 फरवरी, 2019 को शुरू हुई थी, हर साल ₹6,000 की राशि तीन बराबर किस्तों में देती है — हर किस्त ₹2,000। अब तक, केंद्र सरकार ने 21 किस्तों में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के माध्यम से ₹3.70 लाख करोड़ से अधिक की राशि 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को पहुँचाई है। यह दुनिया के सबसे बड़े सीधे लाभ हस्तांतरण कार्यक्रमों में से एक है।

किसानों के लिए जीवनरक्षक आय

इस योजना का मुख्य लक्ष्य छोटे और सीमांत किसानों को समर्थन देना है, जो भारत के 85% किसानों का हिस्सा हैं और जिनके पास दो हेक्टेयर से कम भूमि है। बुआई और कटाई के मौसम में खर्च बढ़ जाता है, तब यह ₹2,000 की किस्त उनके लिए एक जीवनरक्षक साबित होती है। बहुत से किसान पहले अनौपचारिक ऋणदाताओं पर निर्भर थे, जो 30-50% ब्याज लेते थे। अब वे बैंक खाते में सीधे पैसा पाकर ऋण के चक्र से बाहर आ रहे हैं।

आधार और e-KYC: निष्पक्षता का आधार

भुगतान पाने के लिए किसानों को अपना आधार बैंक खाते से लिंक करना अनिवार्य है और e-KYC पूरा करना होता है। इसके बाद ही राशि ट्रांसफर होती है। गलत लाभार्थियों को निकालने के लिए सरकार ने पिछले एक साल में भूमि रिकॉर्ड और आधार वेरिफिकेशन को कड़ा कर दिया है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, इस प्रक्रिया के तहत अब तक ₹416 करोड़ की राशि अयोग्य लाभार्थियों से वापस ले ली गई है। उत्तर प्रदेश में 20वीं किस्त में सबसे अधिक लाभार्थी थे, जबकि महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर रहा।

बिहार और राजस्थान: दो अलग दृष्टिकोण

बिहार में 76 लाख किसानों को इस किस्त में लाभ मिला है, जो राज्य के कुल किसानों का लगभग 40% है। इसके विपरीत, राजस्थान में 66.62 लाख किसानों को ₹1,332 करोड़ मिले। लेकिन राजस्थान सरकार ने अपनी अतिरिक्त योजना मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अतिरिक्त ₹3,000 प्रति वर्ष दिए हैं, जिससे राज्य के सभी PM-KISAN लाभार्थी को कुल ₹9,000 सालाना मिल रहे हैं। इस तरह, राज्य स्तरीय सहायता ने केंद्रीय योजना को और मजबूत किया है।

महिला किसानों की भूमिका: एक छिपा हुआ बदलाव

महिला किसानों की भूमिका: एक छिपा हुआ बदलाव

इस योजना का एक छिपा हुआ बड़ा प्रभाव महिला किसानों पर पड़ा है। डीडी न्यूज के अनुसार, अब तक के लाभार्थियों में से 25% से अधिक महिलाएं हैं। यह एक ऐतिहासिक बदलाव है — पहले किसानी आय का नाम केवल पति के नाम पर रहता था। अब जब पत्नी भी आधार और बैंक खाते के माध्यम से आय प्राप्त कर रही हैं, तो घर में उनका वित्तीय निर्णय लेने का अधिकार बढ़ रहा है।

क्या अभी भी कोई छूट गया है?

कई किसान जिन्होंने पिछली किस्तों में e-KYC या आधार लिंकिंग नहीं की थी, उन्हें इस किस्त में ₹4,000 एक साथ मिल रहे हैं — एक अपूर्ण किस्त और वर्तमान किस्त का संयोजन। पटना के एक किसान, रामलाल वर्मा, ने कहा, "मैंने 2023 में अपना आधार लिंक नहीं किया था। इस बार मुझे ₹4,000 मिले। यह मेरे बेटे की फीस और बीज के लिए काफी है।" ऐसे किसानों के लिए पोर्टल pmkisan.gov.in पर अपना आधार या मोबाइल नंबर डालकर स्टेटस चेक करना आसान है।

अगला कदम: एक नई बाधा

अगला कदम: एक नई बाधा

अब सरकार का ध्यान उन किसानों पर है जिन्हें योजना से बाहर छोड़ दिया गया है — जैसे उन लोगों को जिनके पास भूमि है, लेकिन उनका रिकॉर्ड गाँव के लेखा कार्यालय में अपडेट नहीं हुआ। इसके लिए गाँव स्तर पर लाभार्थी सूची प्रदर्शित की जा रही है, ताकि कोई भी अयोग्य व्यक्ति शामिल हो जाए, तो आम लोग उसकी शिकायत कर सकें। यह पारदर्शिता का एक अनौपचारिक तरीका है, जिसका प्रभाव अभी तक बहुत अच्छा रहा है।

विकसित भारत की ओर: एक लंबी यात्रा

2023 के विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान शुरू हुई इस सैचुरेशन अभियान ने एक करोड़ से अधिक नए किसानों को शामिल किया। फिर जून 2024 में नई सरकार के पहले 100 दिनों में 25 लाख और जुड़े। यह एक बड़ी योजना है — जिसमें एक बार जब किसान शामिल हो जाता है, तो उसे जीवनभर के लिए लाभ मिलता है। अगर यह दर बनी रही, तो 2026 तक 12 करोड़ किसान परिवारों तक पहुँचने की संभावना है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

PM-KISAN योजना किन किसानों के लिए है?

PM-KISAN केवल भूमि धारक परिवारों के लिए है, जिनमें पति, पत्नी और अल्पवयस्क बच्चे शामिल हों। सरकारी नौकरी या आयकर देने वाले, संवैधानिक पदों पर नियुक्त व्यक्ति इसके लाभार्थी नहीं हो सकते। भूमि का आकार कोई न्यूनतम सीमा नहीं है, लेकिन अधिकांश लाभार्थी दो हेक्टेयर से कम भूमि वाले सीमांत किसान हैं।

क्या महिलाएं अपने नाम से लाभ पा सकती हैं?

हाँ, अगर महिला किसान अपने नाम पर भूमि धारक हैं, तो वे अपने आधार और बैंक खाते के माध्यम से सीधे लाभ प्राप्त कर सकती हैं। अब तक लाभार्थियों में 25% से अधिक महिलाएं हैं, जो इस योजना के लिए एक गहरा सामाजिक बदलाव दर्शाता है।

अगर मैंने पिछली किस्त नहीं पाई, तो अब क्या होगा?

अगर आपका e-KYC या आधार लिंकिंग अधूरा था, तो आपको इस किस्त में दो किस्तें एक साथ मिल सकती हैं — ₹4,000। यह तभी होता है जब आपकी पात्रता पुष्टि हो जाए। आप pmkisan.gov.in पर अपना आधार या मोबाइल नंबर डालकर अपनी स्थिति चेक कर सकते हैं।

क्या राज्य सरकारें भी इस योजना को बढ़ाती हैं?

हाँ, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने अपनी अतिरिक्त योजनाएँ शुरू की हैं। राजस्थान में मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रत्येक PM-KISAN लाभार्थी को ₹3,000 और मिलते हैं, जिससे कुल वार्षिक आय ₹9,000 हो जाती है।

क्या इस योजना से अनौपचारिक ऋण पर निर्भरता कम हुई है?

हाँ, कई स्थानीय अध्ययनों के अनुसार, जहाँ PM-KISAN का फैलाव अच्छा है, वहाँ किसानों की अनौपचारिक ऋण लेने की आदत में 30-40% की कमी आई है। यह बदलाव खेती के लिए स्थायी आर्थिक सुरक्षा लाया है।

अगली किस्त कब आएगी?

सामान्यतः किस्तें दिसंबर, अप्रैल और अगस्त में आती हैं। अगली किस्त 1 अप्रैल, 2026 के आसपास आने की उम्मीद है। सरकार ने अभी तक कोई देरी का संकेत नहीं दिया है।